पुलिस ने पकड़े कीमत में 10 करोड़ रुपये से अधिक चोरी किए हुए मोबाइल फोन

अगर आप भी कभी सस्ते में पुराना मोबाइल खरीदने के बारे में सोचते हैं या सेकंड हैंड फोन की डील आपको आकर्षक लगती है तो यह सवाल आपसे भी पूछा जा सकता है कहीं आपका मोबाइल चोरी का तो नहीं दरअसल मध्यप्रदेश पुलिस ने बहुत बड़ी सफलता प्राप्त की है उन्होंने एक कार्रवाई में प्रदेशभर से 26 हजार से ज्यादा चोरी के हैंडसेट मोबाइल जब्त किए है जिनकी अनुमानित बाजार की कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक है। अगर ये मोबाइल बाजार में पहुंच जाते तो आम लोग इन्हें अनजाने में भी खरीद लेते और बाद में जांच में पकड़े जाने पर बड़ी मुश्किल में फंस सकते थे

दूरसंचार मंत्रालय

दूरसंचार विभाग के अनुसार अब तक मध्यप्रदेश में 1.24 लाख और पूरे भारत में 37 लाख 28 हज़ार से अधिक मोबाइल फोन चोरी या गुम होने की रिपोर्ट के बाद ब्लॉक किए जा चुके हैं और खोए हुए मोबाइल में से भारत में 22 लाख 76 हज़ार से अधिक उपकरणों का पता लगाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा मामले उन शहरों से आए हैं जहां सेकंड हँड मोबाइल का कारोबार बड़ा है। मोबाइल फोन अब सिर्फ कॉल या इंटरनेट के लिए नहीं बल्कि Banking , OTP और Digital Payment से जुड़ा अहम जरिया बन चुका है। चोरी या नकली मोबाइल से न सिर्फ आपका पैसा और डाटा खतरे में पड़ सकता है बल्कि आप अनजाने में अपराध से जुड़े केस में भी फंस सकते हैं। इसलिए मोबाइल खरीदने से पहले उसकी असलियत जांचना बेहद जरूरी है।

कैसे पता करें कि आपका मोबाइल चोरी का तो नहीं

आपको बता दें पुराना मोबाइल खरीदते समय सबसे बड़ा डर यही रहता है कि कहीं वह चोरी का तो नहीं है। लेकिन अब यह डर भी खत्म हो गया है। दरअसल मोबाइल का आईएमईआई नंबर डालते ही संचार साथी पोर्टल और एप यह बता देंगे कि यह फोन कहीं चोरी की रिपोर्ट में दर्ज है या किसी साइबर फ्रॉड या अन्य अपराध में इस्तेमाल हुआ है। अगर मोबाइल क्लीन है तो एप क्लियर रिपोर्ट दिखाएगा और आप निश्चिंत होकर उसे खरीद सकते हैं। इस तरह खरीदार पुलिस या कानूनी परेशानियों से बच सकता है और भरोसे से सेकंड हैंड मोबाइल ले सकता है।

नकली मोबाइल से भी रहें सावधान

सिर्फ चोरी का ही नहीं, अब बाजार में नकली यानी डुप्लीकेट मोबाइल का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। कई बार सस्ते में मिलने वाले मोबाइल देखने में असली लगते हैं, लेकिन उनका IMEI नंबर फर्जी होता है या दो-दो फोन में एक ही नंबर होता है। संचार साथी ऐप ऐसे मामलों में भी काम आता है। अगर नंबर दो जगह इस्तेमाल हो रहा है, तो ऐप तुरंत अलर्ट कर देता है।

क्या है संचार साथी ऐप ?

दूरसंचार मंत्रालय ने 17 जनवरी 2025 को संचार साथी मोबाइल ऐप और sanchar saathi portal पेश किया है , एक एक नागरिक-केंद्रित टूल है जो उपयोगकर्ताओं को मज़बूत सुरक्षा और सुविधाएं दोनों प्रदान करता है वही धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग क्षमताएं सीधे स्मार्टफ़ोन पर दिखा देता है। यह ऐप चोरी किए गए मोबाइल की पहचान, जाली केवाईसी, डिवाइस चोरी, बैंकिंग धोखाधड़ी और अन्य साइबर जोखिमों से सुविधाजनक है और चलते-फिरते सुरक्षा प्रदान करके मौजूदा संचार साथी पोर्टल का पूरक है।

कैसे करें इस्तेमाल?

  • Sanchar Saathi पोर्टल पर जाएं या मोबाइल ऐप डाउनलोड करें।
  • IMEI वाले जगह पर अपना IMEI नंबर डालें
  • वह आपको रिपोर्ट बताए वह चेक करें – साफ है या नहीं

आज के डिजिटल दौर में एक गलत मोबाइल फोन आपकी पूरी जिंदगी मुश्किल में डाल सकता है। थोड़ा सतर्क रहकर, 2 मिनट की जांच से आप हजारों की ठगी और कानूनी झंझट से बच सकते हैं।

Leave a Comment