GST बदलाव के बाद भारत मे क्या है Petrol Diesel Price

नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर से जीएसटी के बदलाव की शुरुआत हो गई है आम जनता को इससे बेहद फायदा प्राप्त होगा कई घरेलू सामानों में टैक्स कम करने की वजह से घर की सामग्रियों की कीमते भी कम हुई है। और इलेक्ट्रिकल सामान जैसे TV और AC के साथ छोटी गाड़ियां की कीमतें भी कम हुई है

लेकिन व्यक्ति के जीवन में रोजमर्रा की सामग्रियों के साथ-साथ पेट्रोल डीजल का भी उतना ही उपयोग किया जाता है आम आदमी प्रतिदिन सफर करता रहता है चाहे वह नौकरी के लिए हो या घर के सामानों के लिए या फिर किसी अन्य कार्य के लिए !

तो इसकी कीमत है का पता लगाना आम व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी है की सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की भी कीमत कम हुई है या नहीं दरअसल

पेट्रोल डीजल मे क्या हुआ बदलाव

आपको बता दें कि जब GST लागू किया गया था तो 5 वस्तुओं कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल को इसके दायरे से बाहर रह गए हैं मतलब इन पर जीएसटी का कोई असर नहीं पड़ा है। वित्त मंत्री ने काउंसिल की बैठकों में इस पर चर्चा की थीं लेकिन राज्यों के विरोध की वजह से इसे GST में नहीं लाया जा पा रहा है जिससे इसकी कीमत मैं कोई बदलाव नहीं होगा

इसकी कीमतें सीधे तौर पर आम आदमी की जेब पर असर डालती हैं। जब भी कीमतों में बदलाव होता है तो सुबह 6 बजे देश की तेल विपणन कंपनियां (OMCs) ताज़ा कीमतें जारी करती हैं, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर-रुपए के विनिमय दर में आए उतार-चढ़ाव पर आधारित होती हैं।इन बदलावों का असर हर व्यक्ति की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है

कैसे होता है बदलाव

जब भी देश के पेट्रोल डीजल की कीमत में बदलाव होता है सरकार का प्रत्येक रूप से यह स्पष्ट करती है कि इसकी जानकारी उपभोक्ताओं तक सही और स्पष्ट रूप से पहुंचे सरकार की यह प्रणाली पारदर्शिता को बढ़ावा देती है जिससे उपभोक्ताओं किसी तरह की गलतफहमी न हो। आप किसी दुविधा में न फंसें, इसके लिए सरकार की ओर से रोजाना नए रेट जारी किए जाते हैं ताकि पेट्रोल-डीजल खरीदने से पहले आपको और हमें पता चल जाए कि आज पेट्रोल-डीजल किस रेट पर बिक रहा है।

पेट्रोल और डीज़ल पर  (केंद्र सरकार द्वारा) और (राज्य सरकार द्वारा) वैट लगता है, जो हर राज्य में अलग-अलग होता है। एक प्रदेश के तौर पर बता दे जैसे मध्य प्रदेश में, राज्य सरकार लगभग ₹24.67 प्रति लीटर वैट लगाती है और केंद्र सरकार ₹19.90 प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लगाती है, इसके अलावा डीलर कमीशन और अन्य शुल्क भी शामिल होते हैं जो की बदलता रहता है

कीमतें कैसे होती है तय

पेट्रोल डीजल देश के बाहर से आता है इस की कीमतें कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय भाव, टैक्स, डॉलर-रुपया विनिमय दर, ट्रांसपोर्ट लागत, रिफाइनिंग खर्च और सरकारी नीतियों पर निर्भर करती हैं

जिससे इसके भाव में बदलाव होता रहता है। वही मांग और आपूर्ति का संतुलन भी मूल्य निर्धारण में अहम भूमिका निभाता है। बता दें कि मई 2022 के बाद केंद्र की मोदी सरकार और कई राज्य सरकारों ने करों में कटौती की, जिसके परिणामस्वरूप ईंधन की कीमतों में स्थिरता आई

जीएसटी का सबसे बड़ा स्लैब भी 18 फीसदी का है. लग्जरी टैक्स वाली कैटेगरी 40 फीसदी तक सीमित है। लेकिन अभी पेट्रोल-डीजल पर 40 फीसद से ज्यादा का टैक्स देश को मिल जाता है।

कच्चे तेल में तेजी

ब्लूमबर्ग के मुताबिक सोमवार 22 सितंबर को 0.31% की बढ़त के बाद ब्रेंट क्रूड वायदा 66.89 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड भी करीब इतना ही चढ़कर 62.88 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।

क्या होगा आगे

रोजमर्रा में उपयोग करने वाले डीजल का पेट्रोल मैं अभी आम जनता को राहत प्राप्त नहीं है इसमें केंद्र सरकार तैयार थी लेकिन कई राज्य सरकारों ने इसमें सहमति प्राप्त नहीं की लेकिन इसकी कीमतें किसी भी वक़्त प्रदेश और राज्य के हिसाब से बदलती रहती है भारत में जीएसटी काम करने से कई चीजों की कीमत कम हुई है शायद इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगे जाकर पेट्रोल और गैस सिलेंडरों की कीमत भी काम हो सकती है क्योंकि दोनों का उपयोग हमारे जीवन में बेहद महत्वपूर्ण रहता है एक हमारे घर के खाना बनाते समय उपयोग करने के लिए बेहद जरूरी है वही पेट्रोल डीजल का भी उपयोग उतना ही महत्वपूर्ण है

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