
NDA के प्रत्याशी सी.पी. राधा कृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुनाव जीत लिया है. उन्होंने ने 152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की यह पद जगदीश धनखड़ के इस्तीफे के बाद संभाला है। 9 सितम्बर को हुए मतदान के बाद यह परिणाम घोषित किया गया है
जहाँ INDIA कैंडिडेट सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 वोट मिले। वही राधाकृष्णन ने 152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।कांग्रेस ने INDIA के 315 सांसदों के मतदान का दावा किया था, लेकिन जिससे INDIA गठबंधन के प्रत्याशी को 15 वोट कम मिले। BRS और BJD ने चुनाव में भाग नहीं लिया, जबकि राज्यसभा में बीआरएस के 4 और BJD के 7 सांसद हैं। और लोकसभा में इकलौते सांसद वाले शिरोमणि अकाली दल ने भी पंजाब में बाढ़ के चलते वोट डालने से इनकार कर दिया।
अब उपराष्ट्रपति के रूप में सी.पी. राधा कृष्णन राज्यसभा के सभापति का दायित्व भी संभालेंगे
निजी जीवन और शिक्षा
चंद्रपुरम पोनुस्वामी राधा कृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ था। उन्होंने वी.ओ. चिदंबरम कॉलेज, कोयंबटूर से बीबीए की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें खेलों में भी गहरी रुचि रही है। कॉलेज के दिनों में वह टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दूरी के धावक के रूप में चर्चित रहे। क्रिकेट और वॉलीबॉल भी उनके प्रिय खेलों में शामिल रहे हैं।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
राधा कृष्णन ने महज 16 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ के साथ सार्वजनिक जीवन में कदम रखा। 1970 के दशक में वे एक सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में संघ से जुड़े रहे। उनकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए उन्हें जल्दी ही संगठन में अहम जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
राजनीतिक संगठन में उनकी पकड़ मजबूत होती गई और वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। इसके बाद 1994 में उन्हें तमिलनाडु बीजेपी का सचिव नियुक्त किया गया, जिससे उनका राजनीतिक कद और बढ़ गया। और वह 2003 से 2006 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष का पद संभाला।
राज्यपाल के रूप में कार्यकाल
राजनीति और संगठन के अलावा, उन्हें प्रशासनिक कार्यों का भी अच्छा अनुभव रहा है। फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक वे झारखंड के राज्यपाल रहे। इसके बाद 31 जुलाई 2024 को उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया। हालांकि, उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के चलते उन्होंने राज्यपाल पद से त्यागपत्र दे दिया।
और अब वह भारत के 15वे उपराष्ट्रपति बन चुके हैं जहां उन्होंने NDA के प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज कराई है