
मोहन सरकार किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आई है जिसमें सब्जी विस्तार योजना तहत सब्जी उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सपना है। दरअसल मध्यप्रदेश राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश को सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी राज्य बनाया जाए। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए पंचायत, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग ने राज्य की 100 बड़ी पंचायतों में ‘सब्जी मार्ट’ खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। यह पहल न केवल किसानों को सीधा बाजार उपलब्ध कराएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी !
बिना अतिरिक्त फंड के शुरुआत
गौर करने वाली बात यह है कि इस योजना के लिए फिलहाल कोई अतिरिक्त बजट आवंटित नहीं किया गया है। ‘सब्जी मार्ट’ के लिए पंचायत भवन या पंचायत क्षेत्र में ही एक स्थान निर्धारित किया जाएगा, जहां किसानों को अपनी उपज बेचने की अनुमति दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर, सीहोर जिले की बीरपुर पंचायत में पहले से ही लगने वाला हाट-बाजार अब एक निश्चित स्थान पर स्थायी रूप से शिफ्ट किया जाएगा, जिससे व्यवस्थाएं और सुविधाएं बेहतर होंगी।
स्थानीय किसान और बाजार

इस योजना के तहत सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को अब अपनी उपज बेचने के लिए दूर-दराज मंडियों में नहीं जाना पड़ेगा। वे अपनी ही पंचायत क्षेत्र में खुले ‘सब्जी मार्ट’ में सीधे उपभोक्ताओं को सब्जी बेच सकेंगे। इससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा।पंचायत विभाग ने प्रयोग के तौर पर जिन 100 बड़ी पंचायतों को चुना है, उनमें नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा, सीहोर, देवास, हरदा, खंडवा, खरगोन और नरसिंहपुर जिले शामिल हैं। इन जिलों में अब तक लगभग 5000 सब्जी उत्पादक किसानों की सूची तैयार की जा चुकी है
सब्जी विस्तार योजना’ को मिलेगा विस्तार
मध्यप्रदेश में पहले से ही ‘सब्जी विस्तार योजना’ के तहत किसानों को सब्जी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना में किसानों को भिंडी, गिलकी, लौकी, टमाटर, कद्दू, ककड़ी जैसी फसलों के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान या अधिकतम ₹10,000 की सहायता दी जाएगी अब इस योजना को और व्यापक बनाने की तैयारी है।
सरकार के अनुसार – अब इस योजना में दो नए आयाम जोड़े जाएंगे — पहला, सब्जी फसलों की संख्या में इजाफा किया जाएगा, और दूसरा, किसानों को उपज बेचने के लिए स्थायी बाजार (सब्जी मार्ट) उपलब्ध कराया जाएगा। पहले जहां पात्रता सामान्य, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं बीपीएल किसानों पर आधारित थी, वहीं अब जमीन के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा।
जैविक खेती को भी मिलेगा बढ़ावा
नई योजना के तहत जैविक तरीके से सब्जी उगाने वाले किसानों को विशेष अनुदान देने का भी प्रावधान किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि रसायन-मुक्त सब्जियों की खेती को बढ़ावा देकर उपभोक्ताओं को स्वस्थ और सुरक्षित विकल्प प्रदान किया जा सके।इसके अलावा, इन सब्जी मार्ट से थोक व्यापारी सब्जियां खरीदकर नजदीकी बड़े शहरों तक पहुंचा सकेंगे। इसके लिए एक सुव्यवस्थित नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, जिससे किसानों की पहुंच बड़े बाजारों तक भी हो सकेगी।
उत्पादन में दम है, पर टॉप पर नहीं
हालांकि मध्यप्रदेश की उपज गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में किसी से कम नहीं है, फिर भी राष्ट्रीय स्तर पर राज्य अभी पहले स्थान पर नहीं है। उद्यानिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश प्याज, फूलगोभी, ककड़ी, मिर्च और मटर के उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है। वहीं, पत्तागोभी और कहू में तीसरे स्थान और भिंडी व लौकी में चौथे स्थान पर है। सरकार की यह नई पहल प्रदेश को सब्जी उत्पादन में पहले पायदान पर लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
‘सब्जी मार्ट’ जैसी पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मददगार होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को ताजी, स्थानीय और जैविक सब्जियां भी सुलभ होंगी। यदि यह योजना सफल रहती है, तो इसे प्रदेश के अन्य पंचायतों में भी लागू किया जा सकता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल राज्य को सब्जी उत्पादन में अग्रणी बनाने की दिशा में एक ठोस और व्यावहारिक कदम है।